
Worth: ₹123.90
(as of Dec 21,2022 16:04:39 UTC – Particulars)
From the Writer
Greenback Bahoo by Smt. Sudha Murty
चरित्रांकण की मार्मिकता और शिल्प का सौष्ठव इस उपन्यास के अतिरिक्त आकर्षण हैं ।
श्रीमती सुधा मूर्ति जी कन्नड़ भाषा की लोकप्रिय और प्रतिष्ठित लेखिका हैं । हिंदी में प्रकाशित आपका पहला उपन्यास ‘ महाश्वेता ‘ काफी लोकप्रिय सिद्ध हुआ है । दूसरा उपन्यास ‘ डॉलर बहू ‘ भी इसी प्रकार हिंदी का कंठाभरण बनेगा, ऐसी आशा है ।शामण्णा जी शिक्षक हैं, जो साधारण परिवार के हैं । गौरम्मा उनकी धर्मप्राण धर्मपत्नी हैं । इनके दो पुत्र हुए-चंद्रशेखर और गिरीश । एक पुत्री भी है सुरभि । चंद्रशेखर को विनुता से प्रेम हो गया, पर उसे अमेरिका जाना पड़ा । इसी बीच छोटे भाई गिरीश से विनुता का विवाह हो जाता है । चंद्रशेखर का विवाह धनाढ्य घर की बेटी जमुना से हुआ । वे दोनों अमेरिका में ही रहने लगे । जमुना को डॉलर से प्रेम था । गौरम्मा भी सर्वगुण- संपन्न विनुता की अपेक्षा जमुना को डॉलर के कारण अधिक चाहती थी ।फिर गौरम्मा अपने बेटे और बहू के पास अमेरिका चली जाती है । बहुत दिनों तक वहाँ रहने पर गौरम्मा को अपनी डॉलर बहू और डॉलर-प्रेम से नफरत हो जाती है और वह भारत लौट आती है ।अब वह विनुता को महत्त्व देना चाहती है, पर गिरीश और विनुता, दोनों घर छोड़कर अलग शहर में रहने लगे थे । इस प्रकार गौरम्मा के लिए यह कहावत चरितार्थ होती है-‘ माया मिली, न राम ‘ ।भारत लौटकर गौरम्मा कहती है, ‘ मुझे न वह स्वर्ग चाहिए न वह सुख! हमारा वतन सुंदर है; हमारा गाँव है अच्छा !’. .मुझे तो विनुता की याद सता रही है । ‘ इस उपन्यास में भारतीय अस्मिता और स्वाभिमान का पुनरुत्थान है । अमेरिका और डॉलर के चाकचिक्य से निभ्रांति इस उपन्यास का केंद्रीय बिंदु है । चरित्रांकण की मार्मिकता और शिल्प का सौष्ठव इस उपन्यास के अतिरिक्त आकर्षण हैं ।
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श्रीमती. सुधा मूर्ति
सुधा मूर्ति का जन्म 19 अगस्त 1950 को हुआ था। वह एक लेखिका और एक सक्रिय भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता हैं।
वह एनजीओ, इन्फोसिस फाउंडेशन का नेतृत्व करती हैं और वह गेट्स फाउंडेशन की पब्लिक हेल्थ केयर इनिशिएटिव्स की जूरी भी हैं। सुधा मूर्ति ने हुबली से इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी की।वह कर्नाटक में पहली बार आई थी। इस उपलब्धि को कर्नाटक के सीएम ने स्वर्ण पदक से पुरस्कृत किया।उसने कंपनी के चेयरपर्सन, जेआरडी टाटा को एक पत्र भी लिखा था, जिसमें टाटा मोटर्स में लैंगिक पक्षपात की शिकायत थी।वह 7 साल तक पुणे में रहीं, जिसके बाद वह मुंबई चली गईं। यह INR 10,000 की उसकी बचत थी जिसने इन्फोसिस की स्थापना में योगदान दिया; एन.आर. नारायण मूर्ति हमेशा इस तथ्य का गर्व के साथ उल्लेख करते हैं, जब भी उनसे पूछा जाता है कि उन्होंने इन्फोसिस की नींव कैसे रखी।सुधा मूर्ति वास्तव में टाटा मोटर्स, पुणे में चयनित होने वाली पहली महिला इंजीनियर थीं।
Beneficial Ebook
Teen Hazar Tanke by Smt. Sudha Murty
Teen Hazar Tanke by Smt. Sudha Murty
Teen Hazar Tanke by Smt. Sudha Murty
ASIN : B071LRCD65
Writer : Prabhat Prakashan (30 November 2000)
Language : Hindi
File dimension : 1108 KB
Textual content-to-Speech : Enabled
Display Reader : Supported
Enhanced typesetting : Enabled
Phrase Clever : Not Enabled
Print size : 145 pages
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